स्मार्टफोन के बाजार में कीमतों को लेकर चल रहे प्राइसवार के बीच, जानी मानी कंपनी नोकिया ने बाजार में अपना सबसे सस्ता 3जी स्मार्टफोन लांच कर दिया है। नोकिया के इस बेहद खास हैंडसेट का नाम है नोकिया ‘सी2-01’। नोकिया के आधिकारिक ब्लॉग पर इस बात का खुलासा किया गाय है कि हैंडसेट की कीमत 70 डॉलर यानी करीब 4300 रुपए होगी।
कीमत के मामले में बेहद सस्ता होने के बावजूद नोकिया कंपनी ने अपने इस स्मार्ट हैंडसेट में क्वालिटी से समझौता नहीं किया है। इस फोन में 2 इंच का टीएफटी स्क्रीन लगाया गया है। साथ ही इसमें 3जी, ब्लुटूथ, माइक्रो यूएसबी पोर्ट के जरिए कंप्यूटर कनेक्टिविटी की सुविधा भी है। हालांकि इसमें वाईफाई और जीपीएस की सुविधा नहीं दी गई है। नोकिया ‘सी2-01’ में 45 एमबी इंटरनल मेमोरी है जिसे 16जीबी तक एक्सपैंड किया जा सकता है। फोन में कैमरा भी ठीकठाक लगा है। इसमें 3.15 मेगापिक्सल का कैमरा लगा है। लेकिन कैमरे के साथ फ्लैश की सुविधा नहीं दी गई है । ये फोन सिल्वर, ब्लैक और गोल्डन तीन रंगों में उपलब्ध होगा। माना जा रहा है कि भारतीय बाजार में ये मोबाइल फोन अगले साल की शुरूआत के साथ ही बिकने लगेगा।
Friday, December 24, 2010
Nokia to launch Mobile in India for Just Rs.500 only
सस्ते मोबाइल फोन्स के बढ़ते बाजार को देखते हुए अब हैंडसेट बनाने वाली दिग्गज कंपनी नोकिया भी इस बाजार में कदम रखने की तैयारी में जुट गई है। कम कीमत वाले हैंडसेट्स के बाजार में कार्बन, माइक्रोमैक्स और ज़ेन जैसी देसी मोबाइल कंपनियों से मिल रही चुनौतियों से निपटने के लिए अब नोकिया ने भारत में 500 रुपए का मोबाइल हैंडसेट लांच करने का मन बनाया है।
फिलहाल भारत में नोकिया कंपनी का सबसे सस्ता मोबाइल है नोकिया-1208 है। इस मोबाइल हैंडसेट की कीमत है 1500 रुपए है। माना जा रहा है कि नोकिया के 500 रुपए वाले अल्ट्रा लो कॉस्ट फोन के फीचर नोकिया-1208 से ही मिलते जुलते होंगे। यह भी तय माना जा रहा है कि ये बेसिक किस्म का फोन होगा, जिसमें कोई भी खास फीचर नहीं मिलेगा। लेकिन मोबाइल बाजार के जानकारों का कहना है कि इसकी बेहद कम कीमत ही इसकी सबसे बड़ी खासियत होगी।
दरअसल भारतीय मोबाइल फोन के बाजार में नोकिया की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। लेकिन फिनलैंड की इस कंपनी को कीमतों के मामले में देसी मोबाइल फोन कंपनियां कड़ी टक्कर दे रही हैं। और इसी से निपटने के लिए नोकिया अब अल्ट्रा लो कॉस्ट मोबाइल के बाजार में दस्तक देने की तैयारी में है। सूत्रों की मानें तो साल 2011 के जनवरी-फरवरी महीने में नोकिया इस फोन को लांच कर सकती है।
फिलहाल भारत में नोकिया कंपनी का सबसे सस्ता मोबाइल है नोकिया-1208 है। इस मोबाइल हैंडसेट की कीमत है 1500 रुपए है। माना जा रहा है कि नोकिया के 500 रुपए वाले अल्ट्रा लो कॉस्ट फोन के फीचर नोकिया-1208 से ही मिलते जुलते होंगे। यह भी तय माना जा रहा है कि ये बेसिक किस्म का फोन होगा, जिसमें कोई भी खास फीचर नहीं मिलेगा। लेकिन मोबाइल बाजार के जानकारों का कहना है कि इसकी बेहद कम कीमत ही इसकी सबसे बड़ी खासियत होगी।
दरअसल भारतीय मोबाइल फोन के बाजार में नोकिया की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। लेकिन फिनलैंड की इस कंपनी को कीमतों के मामले में देसी मोबाइल फोन कंपनियां कड़ी टक्कर दे रही हैं। और इसी से निपटने के लिए नोकिया अब अल्ट्रा लो कॉस्ट मोबाइल के बाजार में दस्तक देने की तैयारी में है। सूत्रों की मानें तो साल 2011 के जनवरी-फरवरी महीने में नोकिया इस फोन को लांच कर सकती है।
Telecom Companies looting Customers
आपको पता भी नहीं लगता और मोबाइल कंपनियां आपकी जेब से पैसे उड़ा लेती हैं। जबसे मोबाइल कंपनियों ने कस्टमर केयर पर शुल्क वसूलना शुरु किया है तबसे ग्राहकों की जेब ज्यादा उधड़ने लगी है।
दरअसल जब भी आप मोबाइल कंपनियों के कस्टमर केयर पर कॉल करते हैं और आपकी कॉल वेटिंग में चलती है तब मोबाइल कंपनियों की जेब भरती चली जाती है। कई मिनटों के इंतजार के बाद भी ऑपरेटर आपकी कॉल नहीं उठाता ऐसे में या तो आप खुद फोन काट देते हैं या आपकी कॉल अपने आप कट जाती है लेकिन कॉल कटने के साथ आपकी जेब भी कट जाती है। ऐसे में ग्राहकों की समस्या का समाधान भी नहीं होता और चपत भी लग जाती है।
इस साल फरवरी से कंपनियों ने अपने कस्टमर केयर कॉल पर शुल्क लगाना शुरु किया है। ट्राई के मान्यता प्राप्त कस्टमर केयर संगठनों को ग्राहकों की इस लूट के बारे में कई शिकायतें मिली है। वही मोबाइल कंपनियों का तर्क है कि कुछ शरारती तत्व कस्टमर केयर की फ्री कॉल का गलत फायदा उठाते हैं इसलिए उन्हेने इसपर शुल्क लगाया वहीं उपभोक्ता संगठनो के मुताबिक ग्राहकों पर शुल्क का बोझ डालना ठीक नहीं है।
दरअसल जब भी आप मोबाइल कंपनियों के कस्टमर केयर पर कॉल करते हैं और आपकी कॉल वेटिंग में चलती है तब मोबाइल कंपनियों की जेब भरती चली जाती है। कई मिनटों के इंतजार के बाद भी ऑपरेटर आपकी कॉल नहीं उठाता ऐसे में या तो आप खुद फोन काट देते हैं या आपकी कॉल अपने आप कट जाती है लेकिन कॉल कटने के साथ आपकी जेब भी कट जाती है। ऐसे में ग्राहकों की समस्या का समाधान भी नहीं होता और चपत भी लग जाती है।
इस साल फरवरी से कंपनियों ने अपने कस्टमर केयर कॉल पर शुल्क लगाना शुरु किया है। ट्राई के मान्यता प्राप्त कस्टमर केयर संगठनों को ग्राहकों की इस लूट के बारे में कई शिकायतें मिली है। वही मोबाइल कंपनियों का तर्क है कि कुछ शरारती तत्व कस्टमर केयर की फ्री कॉल का गलत फायदा उठाते हैं इसलिए उन्हेने इसपर शुल्क लगाया वहीं उपभोक्ता संगठनो के मुताबिक ग्राहकों पर शुल्क का बोझ डालना ठीक नहीं है।
Gurjars attempt to stop train in Bhilwara
अजमेर से उदयपुर जा रही ट्रेन को गुरुवार सुबह भीलवाड़ा डेयरी के पास दो दर्जन युवकों ने अचानक सामने आकर रोकने की कोशिश की। इससे एक बारगी तो ड्राइवर की सांसें फूल गई। हालांकि इमरजेंसी ब्रेक लगाने से बड़ा हादसा टल गया।
ड्राइवर ने आशंका जताई कि ये युवक गुर्जर समाज के हो सकते हैं। गाड़ी कुछ देर के लिए वहां रुकी रही। इसके बाद आरपीएफ व जीआरपी ने दो बार ट्रैक की पेट्रोलिंग भी, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। रेलवे सूत्रों के मुताबिक मालोला रोड व भीलवाड़ा डेयरी के बीच अजमेर-उदयपुर शटल के सामने करीब 25-30 युवक खड़े हो गए। ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर वायरलैस से स्टेशन मास्टर कार्यालय को सूचना दी। सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन ने जीआरपी व आरपीएफ के जवानों को रतलाम-जोधपुर गाड़ी से पेट्रोलिंग के लिए भेजा। इसके लिए रतलाम-जोधपुर गाड़ी करीब 20 मिनट देरी से रवाना हुई। इसकी स्पीड स्लो कर जीआरपी व आरपीएफ के जवानों ने सरेरी स्टेशन तक ट्रैक की पेट्रोलिंग की, लेकिन ट्रैक के नजदीक कोई नजर नहीं आया। इधर, गाड़ी रुकते ही युवक भाग गए थे। इसके बाद डायवर्ट ट्रेन अहमदाबाद-दिल्ली (संपर्क क्रांति) से भी मांडल तक दुबारा पेट्रोलिंग के लिए पुलिस भेजी गई, लेकिन कोई भी नहीं मिला। रतलाम-जोधपुर ट्रेन की स्पीड स्लो करने के कारण अहमदाबाद-दिल्ली करीब एक घंटे स्टेशन पर खड़ी रही। स्थानीय अधिकारियों ने घटना की सूचना अजमेर मुख्यालय दी है। इसके बाद से सतर्कता बढ़ा दी गई है। संभावना है कि आज-कल में ट्रैक की नाइट पेट्रोलिंग शुरू होगी।
ड्राइवर ने आशंका जताई कि ये युवक गुर्जर समाज के हो सकते हैं। गाड़ी कुछ देर के लिए वहां रुकी रही। इसके बाद आरपीएफ व जीआरपी ने दो बार ट्रैक की पेट्रोलिंग भी, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। रेलवे सूत्रों के मुताबिक मालोला रोड व भीलवाड़ा डेयरी के बीच अजमेर-उदयपुर शटल के सामने करीब 25-30 युवक खड़े हो गए। ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर वायरलैस से स्टेशन मास्टर कार्यालय को सूचना दी। सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन ने जीआरपी व आरपीएफ के जवानों को रतलाम-जोधपुर गाड़ी से पेट्रोलिंग के लिए भेजा। इसके लिए रतलाम-जोधपुर गाड़ी करीब 20 मिनट देरी से रवाना हुई। इसकी स्पीड स्लो कर जीआरपी व आरपीएफ के जवानों ने सरेरी स्टेशन तक ट्रैक की पेट्रोलिंग की, लेकिन ट्रैक के नजदीक कोई नजर नहीं आया। इधर, गाड़ी रुकते ही युवक भाग गए थे। इसके बाद डायवर्ट ट्रेन अहमदाबाद-दिल्ली (संपर्क क्रांति) से भी मांडल तक दुबारा पेट्रोलिंग के लिए पुलिस भेजी गई, लेकिन कोई भी नहीं मिला। रतलाम-जोधपुर ट्रेन की स्पीड स्लो करने के कारण अहमदाबाद-दिल्ली करीब एक घंटे स्टेशन पर खड़ी रही। स्थानीय अधिकारियों ने घटना की सूचना अजमेर मुख्यालय दी है। इसके बाद से सतर्कता बढ़ा दी गई है। संभावना है कि आज-कल में ट्रैक की नाइट पेट्रोलिंग शुरू होगी।
Thursday, December 23, 2010
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